देहरादून, 01 मार्च 2025 – ऑनलाइन लोन लेने की सुविधा भले ही आसान हो, लेकिन इसके जरिए साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। कई फर्जी इंस्टेंट लोन ऐप्स के जरिए ठग आम जनता से निजी जानकारी हासिल कर उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस और देहरादून पुलिस ने नागरिकों को इंस्टेंट लोन ऐप्स के लालच से बचने और सतर्क रहने की सलाह दी है।
कैसे फंसाते हैं साइबर अपराधी?
साइबर ठग इंस्टेंट लोन देने के नाम पर लोगों से उनके बैंक अकाउंट, आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य निजी जानकारी मांगते हैं। एक बार जब कोई व्यक्ति इन ऐप्स के झांसे में आ जाता है, तो उसकी व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग कर ठग उसे ब्लैकमेल या आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
➡️ किसी भी अनजान लोन ऐप पर अपनी व्यक्तिगत या बैंकिंग जानकारी साझा न करें।
➡️ सिर्फ RBI द्वारा प्रमाणित ऐप्स और वित्तीय संस्थानों से ही लोन लें।
➡️ यदि कोई संदेहजनक लिंक या ऐप मिले, तो तुरंत उसकी रिपोर्ट करें।
➡️ साइबर ठगी से बचने के लिए समझदारी से निर्णय लें और जल्दबाजी में कोई भी ऐप डाउनलोड न करें।
साइबर ठगी की शिकायत कहां करें?
अगर आप साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं तो तुरंत 1930 डायल करें या नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (http://cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज कराएं।
उत्तराखंड पुलिस और देहरादून पुलिस लगातार साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चला रही है और नागरिकों से अपील कर रही है कि वे सतर्क रहें और ठगी से बचें।
🔹 जागरूकता ही सुरक्षा है, सतर्क रहें – सुरक्षित रहें!