हरिद्वार बाईपास डंपिंग ग्राउंड हटाने की मांग तेज, श्रीदेवभूमि जनविकास समिति के नेतृत्व में प्रदर्शन

देहरादून। हरिद्वार बाईपास पर बने कूड़ा डंपिंग ग्राउंड को हटाने की मांग जोर पकड़ रही है। इसी मुद्दे को लेकर श्रीदेवभूमि जनविकास समिति के बैनर तले प्राचीन शिवशक्ति खेड़ा मंदिर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न संगठनों और समाजसेवियों ने हिस्सा लिया और सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अब सभी संगठनों को एकजुट होकर इस आंदोलन को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।

बैठक के बाद समिति और अन्य समाजसेवियों ने डंपिंग ग्राउंड पर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो यह आंदोलन उग्र होगा।

2018 से उठ रही है विरोध की आवाज

समिति के संयोजक सुशील सक्सेना ने बताया कि इस डंपिंग ग्राउंड को हटाने की मांग इसके निर्माण के बाद से ही उठ रही है। 2018 से श्रीदेवभूमि जनविकास समिति इस मुद्दे को लगातार उठा रही है, वहीं 2019 से उत्तराखंड अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले सुशील सैनी, आकेश भट्ट, रोहित शर्मा सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी संघर्षरत हैं।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और एनजीटी तक इस संबंध में पत्राचार किया गया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

स्थानीय लोग बीमारियों से परेशान, नगर निगम बेखबर

वरिष्ठ समाजसेवी एवं धरमपुर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी योगेंद्र चौहान ने कहा,
“यह डंपिंग ग्राउंड क्षेत्रवासियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। यहां कूड़े से उठने वाली दुर्गंध और प्रदूषण से लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। नगर निगम आंख मूंदे बैठा है, लेकिन हम इस अन्याय को सहन नहीं करेंगे। किसी भी हद तक जाकर इस डंपिंग ग्राउंड को हटवाकर ही दम लेंगे।”

सुशील सैनी ने बताया कि 2021 में समिति ने क्षेत्रवासियों को जागरूक कर नगर निगम और जनप्रतिनिधियों तक इस समस्या को पहुंचाया था। इससे कुछ समय तक यहां कूड़ा डालना कम हो गया था, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान स्थिति फिर बिगड़ गई।

जन आंदोलन की तैयारी, सभी संगठन एक मंच पर

बैठक में निर्णय लिया गया कि अब सभी सामाजिक संगठनों को एकजुट कर इस आंदोलन को निर्णायक मोड़ तक ले जाया जाएगा। समिति ने स्पष्ट किया कि जब तक स्थाई समाधान नहीं निकलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

बैठक में मौजूद प्रमुख लोग

इस महत्वपूर्ण बैठक में प्यारे लाल, सागर राजपूत, सागर मालिक, दिनेश पांडे, दिनेश सिंह, समाजसेवी रिहाना परवीन, किसान मजदूर संगठन अध्यक्ष मोविन अहमद, भारतीय किसान यूनियन से गुलशन अहमद, आकेश भट्ट, सुभाष कुकरेती, शोभा ममगाई, इमरान राना, संजय राजपूत, कौशल्या देवी खंतवाल, पुष्पा बाउंटिवाल, श्रीमती सत्या विस्ट सहित कई समाजसेवी उपस्थित रहे।

निष्कर्ष

हरिद्वार बाईपास डंपिंग ग्राउंड अब स्थानीय निवासियों के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है और प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। अब जब विभिन्न संगठन एकजुट होकर स्थाई समाधान की मांग कर रहे हैं, तो प्रशासन पर दबाव बढ़ना तय है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन और तेज हो सकता है।

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