देहरादून में वरिष्ठ नागरिक के साथ साइबर ठगी, फर्जी CBI अफसर बनकर हड़पे 20 लाख रुपये

देहरादून, 5 मार्च 2025: देहरादून में साइबर अपराधियों ने एक वरिष्ठ नागरिक को अपना शिकार बनाया और उनसे 20.41 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने खुद को CBI अधिकारी और न्यायाधीश बताकर उन्हें झूठे मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की धमकी दी। इस मामले में पीड़िता (71), जो किडनी रोग से ग्रसित हैं और अकेले रहती हैं, ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, देहरादून में शिकायत दर्ज कराई है।

कैसे हुआ साइबर फ्रॉड?

घटना 26 फरवरी 2025 की है, जब पीड़िता को एक अज्ञात व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को CBI का “सर्विलांस ऑफिसर” बताया और कहा कि उनका नाम मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आ रहा है। ठगों ने पीड़िता का आधार नंबर सही-सही बताकर उन्हें भ्रमित कर दिया और कहा कि उनके नाम पर एक फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करके अपराध किया गया है।

इसके बाद, कॉल पर आए एक अन्य व्यक्ति ने खुद को IPS अधिकारी बताया और पीड़िता को डराते हुए कहा कि अगर वह सहयोग नहीं करेंगी तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। ठगों ने वीडियो कॉल के माध्यम से उन्हें 24 घंटे अपनी निगरानी में रखा और किसी से भी इस मामले में बात करने से मना किया।

न्यायाधीश बनकर ठग ने मांगे बैंक खाते की जानकारी

अगले दिन, कॉल पर एक तीसरा व्यक्ति शामिल हुआ जिसने खुद को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बताया और मामले को रफा-दफा करने के बहाने पीड़िता से उनके बैंक खातों और गहनों की जानकारी मांगी। ठगों ने पीड़िता को धमकाकर उनसे UCO बैंक और SBI बैंक में मौजूद रकम का 99% हिस्सा एक अज्ञात खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा।

पीड़िता ने ठगों के दबाव में आकर UCO बैंक से 20,41,222 रुपये YES बैंक में “OneClick Travel” नामक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। हालांकि, जब वह SBI से पैसे ट्रांसफर करने के लिए गईं, तो बैंक कर्मचारियों की सतर्कता के चलते यह ट्रांजैक्शन नहीं हो पाया।

पड़ोसी ने बचाई लाखों की बचत, साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज

पीड़िता की बेटी को इस घटना पर संदेह हुआ और उन्होंने पड़ोसियों को सतर्क किया। पड़ोसी ने रात 9 बजे पीड़िता के घर पहुंचकर वीडियो कॉल बंद करवाया और ठगों का नंबर ब्लॉक कर दिया। इसके बाद, 27 फरवरी की रात को ही उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई।

5 मार्च को, पीड़िता ने खुद पुलिस स्टेशन पहुंचकर FIR दर्ज करवाई और ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

कैसे बचें साइबर ठगी से?

  • कोई भी अज्ञात कॉल आने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।
  • CBI, पुलिस या बैंक अधिकारी कभी भी फोन पर गोपनीय जानकारी नहीं मांगते।
  • अगर कोई आपको डराकर पैसा ट्रांसफर करने को कहे, तो पहले अपने करीबी से सलाह लें।
  • साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत रिपोर्ट करें।

यह घटना साइबर अपराधियों की नई चाल को उजागर करती है, जहां वे वरिष्ठ नागरिकों को डराकर लाखों रुपये हड़प रहे हैं। पुलिस आम जनता से अपील कर रही है कि वे इस तरह की धोखाधड़ी से सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध कॉल को तुरंत रिपोर्ट करें।

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