25 लाख की धोखाधड़ी का मामला, सुप्रीम कोर्ट की वकील से फर्जीवाड़ा कर भागे आरोपी

Case of fraud of Rs 25 lakh, accused fled after cheating a Supreme Court lawyer

देहरादून, 10 अप्रैल 2025 | संवाददाता: राजधानी देहरादून में एक हाई-प्रोफाइल धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट से 25 लाख रुपये की ठगी की गई। एडवोकेट ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर तीन आरोपियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, एडवोकेट का निवास देहरादून के हाथीबड़कला क्षेत्र में है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि असलम सिद्दीक राणा, उसकी पत्नी सायरा बानो और उनके साथ भूपेंद्र नामक युवक पिछले 12 वर्षों से उनके परिवार के परिचित थे और पिछले एक वर्ष से अक्सर उनके घर आते-जाते थे।

वर्ष 2023 की शुरुआत में आरोपियों ने खुद को दो प्राइवेट कंपनियों – UKB Digital (OPC) Pvt. Ltd. और GG Store (OPC) Pvt. Ltd. के संचालक बताते हुए एक बड़ी व्यावसायिक योजना का हवाला दिया। उन्होंने दावा किया कि वे देशभर में कारोबार कर रहे हैं, एक बड़ी पानी की फैक्ट्री लगाने जा रहे हैं और करोड़ों की कमाई करेंगे।

अप्रैल 2023 में, आरोपियों ने एडवोकेट अंशिता से 25 लाख रुपये एक वर्ष के लिए उधार मांगे और वादा किया कि एक वर्ष के भीतर यह रकम दोगुनी (50 लाख) करके लौटा देंगे। इस आश्वासन के साथ दोनों पक्षों के बीच एक लोन एग्रीमेंट साइन किया गया और एडवोकेट अंशिता ने उन्हें इंडसइंड बैंक के माध्यम से 25 लाख रुपये का चेक सौंपा।

विश्वास दिलाने के लिए आरोपियों ने 25 लाख और 50 लाख के चार चेक एडवोकेट को सौंपे। परंतु, नियत समय पर ना तो पैसे लौटाए गए और ना ही कोई संपर्क किया गया। जब एडवोकेट ने फोन पर संपर्क करने की कोशिश की तो आरोपी असलम ने न केवल पैसे लौटाने से मना कर दिया बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी।

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि आरोपियों ने अब अपने देहरादून स्थित सभी कार्यालय और गोदाम खाली कर दिए हैं और वहां से फरार हो गए हैं।

एडवोकेट ने मांग की है कि असलम सिद्दीक राणा, सायरा बानो और भूपेन्द्र के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच प्रारंभ कर दी है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह मामला देहरादून के सबसे बड़े धोखाधड़ी मामलों में शामिल हो सकता है।