चमोली। न्यायालय के गैर-जमानती वारंट के बावजूद लंबे समय से फरार चल रहे एक शातिर आरोपी को चमोली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी, जो पेशे से सुनार है, न्यायालय को गुमराह करने और गलत दस्तावेज प्रस्तुत करने का दोषी पाया गया था। पुलिस टीम ने मुखबिर की सूचना पर हल्द्वानी से उसे गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी अभियान और आरोपी की शातिर चालें
पुलिस के अनुसार, माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, ज्योतिर्मठ द्वारा धारा 138 एनआई एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। इसके बावजूद आरोपी बार-बार समन के बावजूद न्यायालय में पेश नहीं हो रहा था।
आरोपी ने न्यायालय को गुमराह करने के लिए दो अलग-अलग स्थायी पते प्रस्तुत किए—एक बिहार के सीतामढ़ी जिले में और दूसरा उत्तराखंड के नैनीताल जिले में। पुलिस जब भी गिरफ्तारी के लिए दबिश देती, वह अपने ठिकाने बदलकर फरार हो जाता।
पुलिस की कड़ी मेहनत रंग लाई
कोतवाली ज्योतिर्मठ पुलिस की टीम लगातार आरोपी की तलाश में लगी थी। बिहार और नैनीताल में उसके संभावित ठिकानों की निगरानी की जा रही थी। अंततः 20 मार्च 2025 को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने हल्द्वानी में उसे धर-दबोचा।
आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाएगा
गिरफ्तारी के बाद आरोपी को आज 21 मार्च 2025 को न्यायालय में पेश किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि इस गिरफ्तारी से न्यायिक प्रक्रिया बाधित करने वाले अपराधियों को कड़ा संदेश जाएगा।
पुलिस टीम की अहम भूमिका
इस सफल गिरफ्तारी में अपर उप-निरीक्षक वीरेंद्र सिंह रावत और हेड कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह बड़वाल की अहम भूमिका रही। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के मामलों में अपराधियों को किसी भी सूरत में कानून से बचने नहीं दिया जाएगा।
जनता से अपील
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी को भी इस तरह के फरार आरोपियों की जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें, ताकि कानून का पालन सुनिश्चित किया जा सके।