गुरुग्राम: सोशल मीडिया दोस्ती के जाल में फंसी छात्रा, 80 लाख की ठगी का शिकार

गुरुग्राम: सोशल मीडिया के ज़रिए दोस्ती करना एक 15 वर्षीय छात्रा को भारी पड़ गया। एक युवक ने उसकी निजी तस्वीरों को मॉर्फ कर ब्लैकमेल किया, जिसके चलते छात्रा ने अपनी दादी के बैंक खाते से 80 लाख रुपये ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए। यह घटना करीब आठ महीनों तक चली, लेकिन जब खाते में पैसे खत्म हो गए और धमकियां नहीं रुकीं, तो मामला उजागर हुआ।

कैसे हुआ पूरा मामला उजागर?

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साजिश की शुरुआत स्कूल में एक साधारण बातचीत से हुई। छात्रा ने अपनी एक सहेली से अपनी दादी के बैंक खाते का जिक्र किया था। यह जानकारी स्कूल के ही एक छात्र के बड़े भाई तक पहुंच गई। इसके बाद 20 वर्षीय सुमित कटारिया नामक युवक ने सोशल मीडिया पर छात्रा से दोस्ती कर ली और कुछ तस्वीरें हासिल कर उन्हें मॉर्फ कर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

आरोपी ने लड़की का फोन नंबर भी निकाल लिया और उसे लगातार धमकाने लगा। छात्रा बार-बार डरकर पैसे ट्रांसफर करती रही। मामला फरवरी 2024 में शुरू हुआ और करीब आठ महीने तक चलता रहा। जब खाते में पैसे खत्म हो गए और ब्लैकमेलिंग जारी रही, तब यह मामला सामने आया।

ट्यूशन टीचर की सतर्कता से बची छात्रा

स्थिति तब और गंभीर हो गई जब खाते में पैसे खत्म होने के बाद गिरोह के एक सदस्य नवीन कुमार ने छात्रा की ट्यूशन क्लास तक पहुंचकर उसे धमकाना शुरू कर दिया। लड़की के व्यवहार में आए बदलाव को देखकर ट्यूशन टीचर को शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने उसके परिवार को सूचित किया। परिवार ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद दिसंबर 2024 में मामले की जांच शुरू हुई।

अब तक छह आरोपी गिरफ्तार

पुलिस प्रवक्ता संदीप के अनुसार, मुख्य आरोपी सुमित कटारिया और उसके साथियों की पहचान कर ली गई है। अब तक इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। नवीन कुमार को मंगलवार को हिरासत में लिया गया, जो फिलहाल न्यायिक रिमांड में है।

पुलिस ने अब तक 36 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं और बाकी रकम की तलाश जारी है। लड़की के पिता दिल्ली में काम करते हैं, जबकि उसकी 75 वर्षीय दादी के बैंक खाते में यह 80 लाख रुपये जमीन बेचने से आए थे।

परिवार को सुरक्षा का आश्वासन

पुलिस ने परिवार को सुरक्षा का आश्वासन दिया है और मामले की विस्तृत जांच जारी है। इस घटना ने सोशल मीडिया के बढ़ते खतरों को उजागर किया है और यह संदेश दिया है कि बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर सतर्क निगरानी रखना आवश्यक है।

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