देहरादून: उत्तराखंड सरकार के उपक्रम आईटीडीए कैल्क द्वारा संचालित ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन कोर्स के माध्यम से राज्य की बेटियां ड्रोन टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता हासिल कर रही हैं। ड्रोन असेंबलिंग, रिपेयरिंग और फ्लाइंग जैसे कौशल सीखकर ये युवा महिलाएं अब “ड्रोन दीदी” के रूप में अपनी पहचान बना रही हैं।
मुख्यमंत्री का फोकस: तकनीकी कौशल से आत्मनिर्भरता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सरकार का उद्देश्य राज्य के युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाना और उन्हें रोजगार के नए अवसर देना है। इसी कड़ी में ड्रोन दीदी योजना शुरू की गई है, ताकि आने वाले समय में ड्रोन सेवाओं के बढ़ते क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध हो सके।
37 दिनों का विशेष प्रशिक्षण, 52 युवतियां बनीं ड्रोन पायलट
देहरादून में प्रांतीय युवा कल्याण निदेशालय परिसर में 6 जनवरी 2025 से ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन कोर्स का पहला बैच शुरू हो चुका है। इस बैच में प्रदेशभर से 52 युवतियां शामिल हुई हैं, जिन्हें 37 दिनों में कुल 330 घंटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण, आवास, भोजन और यात्रा का पूरा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। कोर्स पूरा करने के बाद एक परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें सफल प्रशिक्षणार्थियों को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
सर्वश्रेष्ठ 5 प्रशिक्षणार्थियों को मिलेगा निःशुल्क ड्रोन
ऋषिकेश सेंटर के प्रभारी वीरेंद्र चौहान के अनुसार, इस योजना के तहत कुल 200 युवाओं को मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाना है। परीक्षा में शीर्ष पांच स्थान प्राप्त करने वाले प्रशिक्षार्थियों को सरकार की ओर से निःशुल्क ड्रोन भी प्रदान किया जाएगा।
ड्रोन तकनीक से आत्मनिर्भर बन रहीं उत्तराखंड की बेटियां
इस कोर्स में शामिल पिथौरागढ़ की तनुजा वर्मा, गैरसैंण की रौशनी और उत्तरकाशी की जशोदा जैसी युवतियां अब ड्रोन पायलट बनकर अपने भविष्य को नई दिशा दे रही हैं। ये महिलाएं स्वरोजगार के साथ-साथ आपदा प्रबंधन और चिकित्सा सेवाओं में भी योगदान देने की योजना बना रही हैं।
ड्रोन तकनीक से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
सरकार का मानना है कि ड्रोन तकनीक आने वाले समय में कृषि, आपदा प्रबंधन, लॉजिस्टिक्स और चिकित्सा सेवाओं में बड़े पैमाने पर उपयोग में लाई जाएगी। ऐसे में उत्तराखंड की बेटियां तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनकर इस उभरते क्षेत्र में अपना करियर बना सकती हैं।
इस योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए ऋषिकेश और पिथौरागढ़ में आईटी स्किल ग्रोथ सेंटर भी संचालित किए जा रहे हैं। इससे उत्तराखंड के युवाओं को उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने और नए रोजगार के अवसरों को अपनाने में मदद मिलेगी।