सहारनपुर: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चुने गए सहारनपुर के कई इलाकों में हालात बद से बदतर हो गए हैं। वार्ड 66 की स्थिति इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां न तो बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है और न ही बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। खुले बिजली के तार और कीचड़ भरी सड़कें बच्चों की जिंदगी को खतरे में डाल रही हैं, लेकिन प्रशासन की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही।
खुले तार और कीचड़ बनी बच्चों के लिए मुश्किल
वार्ड 66 के स्कूल के पास बिजली के तारों का ऐसा जाल फैला हुआ है कि किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे इन तारों से बचते-बचाते गंदगी और कीचड़ से भरी सड़कों से गुजरने को मजबूर हैं। कई बार बच्चे इस कीचड़ में गिरकर घायल हो चुके हैं।
स्थानीय निवासियों की शिकायत
कॉलोनी के निवासियों का कहना है कि इस समस्या को लेकर कई बार विद्युत विभाग और नगर निगम के अधिकारियों को शिकायत दी गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बच्चों के पैरेंट्स का कहना है कि उनके वार्ड के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। नाले के उस पार सभी सड़कों का निर्माण हो चुका है, लेकिन उनके इलाके की सड़कें अब भी खस्ताहाल हैं।
स्कूल प्रशासन भी परेशान
दि ग्लोरियस एकेडमी के प्रिंसिपल सब्बर खान ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए कुछ स्टाफ सदस्यों की ड्यूटी लगानी पड़ती है। ये लोग बच्चों को खुले तारों और गंदे पानी से बचाने में मदद करते हैं। इसके बावजूद, पैरेंट्स रोजाना शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे गंदे पानी में गिरकर घायल हो जाते हैं।
प्रशासन की अनदेखी या लापरवाही?
पैरेंट्स और स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर नगर निगम और विद्युत विभाग कब तक उनकी समस्याओं को अनदेखा करेगा। खुले तार और खराब सड़कें किसी बड़े हादसे को दावत दे रही हैं, लेकिन प्रशासन अब भी आंख मूंदे बैठा है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। सभी अन्य वार्डों में सड़कें बनाई जा रही हैं, लेकिन उनके वार्ड की अनदेखी की जा रही है। खुले तारों और खराब सड़कों से रोजाना बच्चों और निवासियों को खतरा हो रहा है।
समस्या का समाधान कब?
यह सवाल अब भी अनुत्तरित है कि आखिर प्रशासन कब तक इन समस्याओं को नजरअंदाज करता रहेगा। क्या नगर निगम और विद्युत विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं, या फिर यह महज एक और उदाहरण है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट सिर्फ कागजों पर ही सीमित है?
यह हालात केवल सहारनपुर की नहीं, बल्कि देशभर के कई स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स की असलियत को उजागर करते हैं। स्थानीय प्रशासन से निवासियों की उम्मीद है कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा और जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा।