रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर सुमेरपुर के पास निर्माणाधीन दस मंजिला भवन चर्चाओं में है। इस निर्माण को लेकर स्वीकृति और सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह भवन अलकनंदा नदी के बेहद करीब बनाया जा रहा है, जिससे पर्यावरणविद् और भू-विशेषज्ञ चिंतित हैं।
अनुमतियों पर उठे सवाल
यह क्षेत्र रेलवे निर्माण परिसर के चार सौ मीटर के फ्रीज जोन में आता है, जहां निर्माण कार्य प्रतिबंधित है। इसके बावजूद निर्माण जारी है। इस तरह के ऊंचे भवनों के लिए आईआईटी के स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग और भूकंप इंजीनियरिंग विभाग से स्वीकृति जरूरी होती है, जो अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।
जमीन के कागजातों की जांच जारी
स्थानीय विकास प्राधिकरण ने संचालक से निर्माण स्वीकृति और अन्य जरूरी दस्तावेज मांगे हैं। हालांकि, अब तक पूरी अनुमति नहीं मिली है और तहसील स्तर पर जमीन के कागजातों की जांच चल रही है। प्राधिकरण लगातार जरूरी कागजात प्रस्तुत करने को कह रहा है, लेकिन संचालक अभी तक पूरी जानकारी नहीं दे सका है।
भूकंप जोन में जोखिमपूर्ण निर्माण
रुद्रप्रयाग जिला भूकंप जोन-5 में आता है, जहां ऊंची इमारतों का निर्माण विशेष निगरानी और स्वीकृति के बाद ही किया जाना चाहिए। बिना पर्याप्त सुरक्षा जांच और अनुमति के यह निर्माण भविष्य में बड़े खतरे का कारण बन सकता है। प्रशासनिक और पर्यावरणीय विशेषज्ञों की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं, और आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है।